धारा 377 पर सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला, कहा- समलैंगिक संबंध बनाना अपराध नहीं
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को एक बड़ा फैसला सुनाते हुए कहा है कि समलैंगिकता अपराध नहीं है। सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला देश में समलैंगिक व ट्रांसजेंडर समुदाय के लिए बड़ी जीत माना जा रहा है। शीर्ष कोर्ट ने कहा कि सेक्शुअल ओरिएंटेशन (यौन रुझान) बयॉलजिकल है। इस पर रोक संवैधानिक अधिकारों का हनन है। कोर्ट ने कहा एलजीबीटी समुदाय के अधिकार भी अन्य लोगों की तरह हैं। वहीं जानवरों और बच्चों के साथ बनाए गए अप्रकृतिक यौन संबंधो को अपराध के श्रेणी में रखा गया है। बता दें कि फिलहाल सुप्रीम कोर्ट अपना फैसाला पढ़ रही है। सुप्रीम कोर्ट के इस ऐतिहासिक फैसले के बाद से चैन्नई, मुंबई और महाराष्ट्र की विभिन्न जगहों से लोगों के खुशियां मनाने की तस्वीरें सामने आ रही हैं। आपको बता दें कि इससे पहले कोर्ट ने सभी संबंधित पक्षों से कहा था कि वो समलैंगिकता मामले में अपने दावों के समर्थन में लिखित में दलीलें पेश करें। धारा 377 के खिलाफ याचिकाओं में 2 वयस्कों के बीच आपसी सहमति से एकांत में बने समलैंगिक संबंधों को अपराध के दायरे से बाहर करने की मांग की गई थी। सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट संकेत दे चुका है कि वो समलैंगिकता को अपराध के दायरे से बाहर रहने के पक्ष में है।