नई दिल्ली। स्वास्थ्य मंत्रालय ने कोरोना टीकाकरण अभियान को लेकर जानकारी देते हुए शनिवार को बताया कि पूरे भारत में 3,351 केन्द्रों पर कोविड-19 के टीके कोवैक्सीन और कोविशील्ड लगाए गए। पूरे देश में टीकाकरण अभियान के पहले दिन शाम साढ़े पांच बजे तक 1,91,714 लाभार्थियों को कोविड-19 के टीके लगाये गये। कोविड-19 टीकाकरण सत्रों के आयोज न में 16,755 कर्मचारी शामिल थे। स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि कोविड-19 टीकाकरण अभि यान पहले दिन सफलतापूर्वक आयोजित किया गया, टीकाकरण के बाद अस्पताल में भर्ती होने का कोई मामला अब तक सामने नहीं आया। स्वास्थ्य कर्मियों को टीके की पहली खुराक दी गई : दुनिया के सबसे बड़े टीकाकरण अभियान को लेकर स्वास्थ्य मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव अगनानी और जेएस मंदीप भंडारी ने प्रेस वार्ता करके जानकारी देते हुए बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज कोविड-19 अभियान की शुरुआत की। इस अभियान का पहला दिन सफल रहा। विश्व के सबसे बड़े टीकाकरण कार्यक्रम के मद्देनजर देश भर में सभी कोरोना वैक्सीनेशन सेशन साइट्स पर टीकों पर रसद की पर्याप्त मात्रा सुनिश्चित की गई। पहले चरण में अग्रिम मोर्चों पर तैनात स्वास्थ्य कर्मियों को टीके की पहली खुराक दी गई। 2 तरह की वैक्सीन का किया जा रहा इस्तेमाल : स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि आज देश में 3351 सत्र में वैक्सीनेशन का कार्यक्रम किया गया। वैक्सीनेशन ड्राइव में 2 तरह के वैक्सीन का इस्तेमाल किया जा रहा है। सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया की COVISHIELD सभी राज्यों को दिया गया है जबकि भारत बायोटेक की स्वदेशी कोरोना वैक्सीन COVAXIN 12 राज्यों को दी गई है। स्वास्थ्य कर्मियों के साथ-साथ एम्स दिल्ली के निदेशक रणदीप गुलेरिया, नीति आयोग के सदस्य वीके पॉल, भाजपा सांसद महेश शर्मा और पश्चिम बंगाल के मंत्री निर्मल माजी उन लोगों में शामिल हैं जिन्हें टीके की पहली खुराक दी गई। बता दें कि, पॉल कोविड-19 महामारी से निपटने के लिए चिकित्सा उपकरण एवं प्रबंधन को लेकर गठित अधिकार समूह के प्रमुख भी हैं। जानिए कहां कितने लोगों को लगा टीका : स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि अंडमान और निकोबार में 78 लोगों को टीका लगा। आध्र प्रदेश में 16,963, अरुणाचल प्रदेश में 743, असम में 2,721, बिहार में 16,401, चंडीगढ़ में 195, छत्तीसगढ़ में 4,985, दिल्ली में 3,403, गोवा में 373 और गुजरात में 8,557 लोगों को टीका लगाया गया। स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि चूंकि यह टीकाकरण का पहला दिन था, इसलिए कुछ मामले सामने आए। जैसे कुछ सत्र स्थलों पर लाभार्थी सूची अपलोड करने में देरी हुई और कुछ टीकाकरण श्रमिकों को आज के सत्र के लिए निर्धारित नहीं किया गया था। दोनों मामलों पर अब काम किया जा रहा है, ताकी आगे ऐसी किसी परेशानी का सामना ना करना पड़े।